लग जा गले के फिर ये, हँसी रात हो ना हो
शायद फिर इस जनम में, मुलाक़ात हो ना हो
हम को मिली हैं आज ये घडीयाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिये, हम को करीब से
फिर आप के नसीब में, ये बात हो ना हो
शायद फिर इस जनम में, मुलाक़ात हो ना हो
पास आईये के हम नहीं आयेंगे बार बार
बाहे गले में डाल के, हम रो ले जार जार
आँखों से फिर ये, प्यार की बरसात हो ना हो
शायद फिर इस जनम में, मुलाक़ात हो ना हो